देहरादून। दीपावली पर कुछ रूढ़िवादी लोग तंत्र-मंत्र और टोने-टोटकों के लिए उल्लुओं का शिकार करते हैं। देश के कुछ राज्यों और उत्तराखंड से भी इस प्रकार की खबरें आती रही हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए वन विभाग सतर्क हो गया है। 19 अक्टूबर को देहरादून जू में उल्लुओं पर विशेष पहरा रहेगा। इसके लिए रातभर जू के आस-पास चार वनकर्मी जगे रहेंगे, जबकि जिलेभर में रात में वनकर्मी गश्त करेंगे।
बताया जाता है कि मसूरी-देहरादून रोड़ स्थित मालसी जू में तीन अलग-अलग प्रजाति के कुल 10 उल्लू हैं। ये उल्लू वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत संरक्षित हैं। वन विभाग ने लोगों से इसके शिकार के बारे में अंधविश्वास छोड़ने की अपील की है। विभाग उल्लू की सुरक्षा के लिए सक्रिय है।
वन विभाग ने वन्यजीवों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जू और जंगल के आस-पास पटाखे जलाने पर भी रोक लगाई है। डिप्टी रेंजर विनोद लिंगवाल के मुताबिक जू के 100 मीटर के दायरे में पटाखे जलाने पर पूरी तरह से रोक है। पटाखों की तेज आवाज और रोशनी वन्यजीवों में भय और संकट पैदा करती है। पक्षी डर के मारे अपने घोंसलों से उड़ जाते हैं और अंधेरे में भटक सकते हैं, जबकि अन्य वन्यजीवों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। चिड़ियाघर प्रशासन ने आसपास रह रहे लोगों से अपील की है कि वे ऊपर की तरफ जाने वाले पटाखे यानी की रॉकेट और आकाशदीप को न जलाएं। इससे आग लगने का खतरा बना रहता है।
