जोशीमठ। बदरीनाथ धाम में धनतेरस के अवसर पर 18 अक्टूबर को मृत्यु के देवता यमराज की पूजा की गई। सांय छ: बजे यमराज जी की पूजा के साथ ही बदरीनाथ मंदिर के सिंहद्वार पर दक्षिण दिशा में चतुर्मुख दिया जलाया गया।
देश के चारों धामों में प्रमुख भू-बैकुंठ बदरीनाथ धाम में दीपावली पूजा की विशेष परंपरा है। यहाँ पर नारायण के साथ धन के राजा कुबेर, माता लक्ष्मी ,गरुड और उद्धव जी विराजमान हैं। नारायण के साथ माँ लक्ष्मी, कुबेर सहित अन्य देवताओं की पूजाएं निरंतर चलती हैं, लेकिन दीपावली से पूर्व धनतेरस के दिन मृत्यु के देवता यमराज की पूजा-अर्चना के बाद लक्ष्मी व कुबेर जी की पूजा होती है, ताकि लोगों का मुत्यु योग टल सके तथा दीपोत्सव या दीपावली में सुख शांति रहे। माना जाता है कि यम की पूजा-अर्चना से अल्प मृत्यु का योग टल जाता है।
